प्रेणादायक कहानी, रिचर्ड ब्रैनसन


रिचर्ड ब्रैनसन:16 साल में छोड़ी पढ़ाई पर बने 200 कंपनीयों के मालिक

कहते हैं कि कि अगर मन में चाहत हो तो हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं ,और उसको प्राप्त करने के लिए कोई व्यक्ति पढ़ा लिखा ही हो यह जरुरी नहीं है।इस बात को बहुत से लोगों ने साबित कर चुके हैं।उसी में से एक हैं रिचर्ड ब्रैनसन।तो क्या आपको भी पढ़ाई छोड़ देना चाहिए और अपने काम अभी से शुरू देना चाहिए।नहीं, बिलकुल भी नहीं।मानते हैं कि बहुत से लोगों ने बीच में पढ़ाई छोड़ दिया और बड़े बड़े काम किये, लेकिन वे बीच में पढ़ाई इसलिए छोड़े क्योंकि उनका मजबूरी थी।यह कहानी आपको यह नहीं सिखाता है कि आप अपना पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग जाए।यह आपको सिखाता है कि अगर किसी कारण वस पढ़ाई छोड़ना पड़ जाए तो ये मत सोचियेगा कि आप कुछ नहीं कर सकते, आपको यह कहानी प्रेरित करेगा कि आप बहुत कुछ कर सकते हैं।
तो चलिए शुरू करते हैं।ब्रैनसन का जन्म  वर्ष 1950 में इंग्लैंड के सरे में जन्मे थे।स्कूल में उसे मंदबुद्धि समझा जाता था।असल में वे एक बीमारी के शिकार हो गए थे।उसे अपना स्कूल इसी के कारण छोड़ना पड़ा था।उस बीमारी का नाम था डिस्लेक्सिया ।आज वे साबित कर चुके हैं कि वे मंदबुद्धि नहीं हैं।आज वे 200 कंपनियों के मालिक हैं।उनका ये 200 कंपनी 30 देशों में फैला हुआ है।16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ने के बाद वे एक चर्च से निकलने वाली मैगज़ीन"स्टूडेंट"से जुड़े और उसके लिए कंटेंट लिखने लगे।जब इसमें उनको सफलता मिली तो वे म्यूजिक रिकॉर्डिंग की दुकान खोली और फिर मेल ऑर्डर रिकॉर्ड कंपनी की शुरुवात की जिसका नाम वर्गिन रखा।1972 में उन्होंने इंग्लैंड के ऑक्सफोर्डशायर में एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो की स्थापना की।दूसरी ओर वर्गिन का विस्तार भी जारी रखा।
वर्ष 1980 में उन्होंने ट्रेवल कंपनी"वॉयजर ग्रुप"और 1984 में एयरलाइन कंपनी"वर्गिन अटलांटिक का गठन किया।हालांकि एक दौर ऐसा भी आया, जब 1992 में उन्हें वित्तिय संकट का सामना करना पड़ा।लेकिन वे डटे रहे।1993 में वर्गिन रेडियो स्टेशन की स्थापना की और कुछ ही वर्षों बात "वी2 "नामक एक अन्य रिकॉर्ड कंपनी की शुरुवात की।आज उनका कारोबार इंग्लैंड के अलावा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका समेत एशिया और यूरोप के अनेक देशों में फैल चुका है।दुनिया की कई एयरलाइन्स कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी है।वे अनोखी योजना में काम करते हैं।
2004 में उन्होंने वर्गिन गैलेकटिक नामक कंपनी का गठन किया।इस कंपनी का काम है  अंतरिक्ष में साधारण लोगों को ले जाने के लिए प्रयोग करती है।अगर कभी भविष्य में साधारण लोग अंतरिक्ष में ट्रेवल कर पाएंगे तो, इसमें साइंटिस्ट से ज्यादा योगदान रिचर्ड ब्रैनसन का होगा।


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